
पणजी, गोवा | जुलाई 2025 — गोवा की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर तब जुड़ गया जब गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC), बांबोलीम द्वारा शुरू की गई निःशुल्क IVF (In-Vitro Fertilization) योजना के तहत 7 महिलाएं गर्भवती हुईं। यह उपलब्धि न केवल गोवा राज्य के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणास्पद उदाहरण है कि कैसे सरकारी हस्तक्षेप द्वारा आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को आम जनता तक पहुंचाया जा सकता है।
🏥 IVF: असंभव को संभव करने की चिकित्सा पद्धति
IVF, यानी इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन, एक ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें अंडाणु और शुक्राणु को शरीर के बाहर प्रयोगशाला में मिलाया जाता है, और निषेचित भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। इस तकनीक ने दुनिया भर में लाखों निःसंतान जोड़ों को माता-पिता बनने का अवसर दिया है।
भारत में, IVF का खर्च आमतौर पर ₹1.5 लाख से ₹3 लाख प्रति चक्र तक हो सकता है, जिससे यह प्रक्रिया आम नागरिकों की पहुंच से बाहर होती है। ऐसे में गोवा सरकार द्वारा GMC में शुरू की गई निःशुल्क IVF योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए एक वरदान साबित हो रही है।
📈 योजना की शुरुआत और अब तक की प्रगति
गोवा सरकार ने 1 सितंबर 2023 को GMC में IVF सुविधा की शुरुआत की थी। इसके पीछे उद्देश्य था — उन जोड़ों को मातृत्व-पितृत्व का सुख देना, जो लंबे समय से बांझपन जैसी समस्याओं से जूझ रहे थे।
2023 के अंत तक, पहले चरण में 25 महिलाओं को IVF उपचार दिया गया, जिनमें से 10 महिलाएं गर्भवती हुई थीं। वर्ष 2024 में यह संख्या और बढ़ी, और 2025 की शुरुआत तक 117 जोड़ों का पंजीकरण हो चुका था।
अब, जुलाई 2025 तक, 64 IVF चक्र पूरे किए जा चुके हैं, और ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार 7 नई महिलाएं गर्भवती हुई हैं, जिससे कुल सफल गर्भधारण की संख्या 17 हो गई है। इनमें से 5 प्रसव सुरक्षित रूप से पूरे हो चुके हैं।
👩⚕️ स्वास्थ्य मंत्री की प्रतिक्रिया
गोवा के स्वास्थ्य मंत्री श्री विश्वजीत राणे ने इस सफलता को स्वास्थ्य विभाग की “दूरदर्शिता और संवेदनशीलता” का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा:
“IVF जैसी उन्नत चिकित्सा पद्धति को आम नागरिकों तक पहुंचाना हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में है। यह केवल स्वास्थ्य सेवा नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय का भी मामला है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस योजना को और विस्तार दिया जाएगा, ताकि अन्य जिलों में भी IVF केंद्र स्थापित किए जा सकें।
🎯 योजना की विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
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लागत | पूरी तरह नि:शुल्क, सभी परीक्षण, दवाइयाँ, और प्रक्रिया शामिल |
पात्रता | गोवा का निवासी होना अनिवार्य, उम्र या संतान संख्या की कोई सीमा नहीं |
उपकरण | GMC में अत्याधुनिक IVF लैब, प्रशिक्षित भ्रूणविज्ञानी और स्त्रीरोग विशेषज्ञ |
परामर्श सुविधा | मनोवैज्ञानिक और प्रजनन स्वास्थ्य परामर्श निःशुल्क उपलब्ध |
फॉलोअप | प्रक्रिया के बाद नियमित मेडिकल जांच और सपोर्ट |
🧬 आशाओं की नई सुबह
फातोर्डा की निवासी एक महिला, जिनका इलाज पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुआ था, अब 3 महीने की गर्भवती हैं। उन्होंने कहा:
“मैं और मेरे पति ने लगभग हार मान ली थी। कई सालों तक निजी क्लीनिकों में इलाज कराया, लेकिन नतीजा नहीं मिला। GMC में यह प्रक्रिया निःशुल्क मिली और आज मैं माँ बनने वाली हूँ।”
ऐसी कई कहानियाँ GMC की IVF इकाई से जुड़ रही हैं — जिनमें आर्थिक, सामाजिक, और मानसिक स्तर पर संघर्ष करने वाले दंपत्तियों को नयी आशा और आत्मविश्वास मिला है।
📊 भारत में पहला राज्य
यह गौरव की बात है कि गोवा देश का पहला राज्य बना, जहाँ एक सरकारी अस्पताल द्वारा IVF जैसी महंगी प्रक्रिया को बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराया गया। अन्य राज्यों की सरकारें अब इस मॉडल को अपनाने की योजना बना रही हैं।
📝 निष्कर्ष
गोवा मेडिकल कॉलेज की यह पहल सिर्फ एक चिकित्सा सेवा नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का प्रतीक बन गई है। जिस समाज में मातृत्व को एक स्त्री की पहचान माना जाता है, वहाँ नि:संतानता से जूझ रही महिलाओं को गर्व से माँ बनने का अवसर देना अत्यंत मानवीय और संवेदनशील कार्य है।
आशा की जाती है कि आने वाले महीनों में और अधिक दंपत्ति इस योजना का लाभ उठाएँगे और गोवा एक स्वस्थ, समावेशी और सहानुभूतिपूर्ण स्वास्थ्य व्यवस्था का आदर्श बनकर उभरेगा।