
“गोवा में स्थानीय लोगों की तुलना में राजस्थान और अन्य राज्यों के लोग बिज़नेस क्यों करते हैं?”
यह एक सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विषय है।
🧭 मुख्य सवाल:
गोवा में इतनी संख्या में राजस्थानी, उत्तर भारतीय और अन्य बाहरी राज्य के लोग बिज़नेस क्यों कर रहे हैं, जबकि स्थानीय (गोवन) लोग comparatively कम बिज़नेस में हैं?
🔍 इसका उत्तर कई पहलुओं में छिपा है:
1. 🧳 टूरिज़्म पर फोकस और बिज़नेस माइंडसेट
राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब आदि राज्यों के लोग वर्षों से बिज़नेस माइंडसेट के लिए जाने जाते हैं।
वे गोवा के टूरिज्म के अवसरों को जल्दी पहचानते हैं:
बाहरी राज्य के लोग | बिज़नेस प्रवृत्ति |
---|---|
🇷🇪 राजस्थानी | होटल, रेस्टोरेंट, कपड़े, आर्ट शॉप |
🇬🇺 गुजराती | किराना, मनी ट्रांसफर, मोबाइल दुकान |
🇧🇮 बिहारी/यूपी | टूर गाइड, बाइक रेंटल, स्ट्रीट फूड |
🇵🇳 पंजाबी | कैफे, बार, पार्टी स्पेस |
2. 💼 स्थानीय लोग सरकारी नौकरी या विदेश को प्राथमिकता देते हैं
गोवा के बहुत सारे युवा:
- विदेश (खासतौर पर मिडल ईस्ट या यूरोप) नौकरी करने चले जाते हैं
- या फिर सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं
- बिज़नेस की अस्थिरता और मेहनत को लेकर थोड़ा संकोच करते हैं
👉 वहीं, बाहर से आए लोग “करने” के उद्देश्य से आते हैं — और मेहनत में हिचकिचाते नहीं।
3. 🏝️ गोवा का ओपन कल्चर और आसान रेंटल उपलब्धता
- गोवा में रेंट पर दुकानें और घर आसानी से मिल जाते हैं
- सरकार की अनुमति से बिज़नेस लाइसेंस लेना आसान है
- बीच एरिया और टूरिस्ट मार्केट में रोज़ाना कमाई ज़्यादा होती है
👉 ये सभी बातें बाहर से आए बिज़नेस माइंडेड लोगों को आकर्षित करती हैं।
4. 💰 कम निवेश में अच्छा रिटर्न
राजस्थान या यूपी जैसे राज्य में जहां ₹10 लाख में कुछ बड़ा नहीं हो पाता,
वहीं गोवा में उतने में कैफे, जूस शॉप, वाइन शॉप या बाइक रेंटल स्टार्ट किया जा सकता है।
⏳ सीज़नल बिज़नेस से भी 3–4 महीने में साल भर की कमाई हो सकती है।
5. 🌐 नेटवर्किंग और सामूहिक सपोर्ट
बाहरी राज्य के लोग अक्सर ग्रुप में आते हैं, या पहले से मौजूद “राजस्थानी समाज”, “मारवाड़ी समुदाय”, या “भोजपुरी ग्रुप्स” में शामिल हो जाते हैं।
- उन्हें शुरुआती सहायता
- व्यापारिक सलाह
- और आर्थिक सहयोग भी आसानी से मिल जाता है
👉 जबकि कई गोवा के लोकल लोग अकेले या छोटे दायरे में सीमित रह जाते हैं।
6. 📉 स्थानीय कानून और लाइसेंस की सख्ती को लेकर भ्रम
कई बार स्थानीय लोग सोचते हैं कि गोवा में लाइसेंस, टैक्स या सरकारी पेचीदगियाँ बहुत हैं।
लेकिन बाहरी लोग मेहनत करके उन प्रोसेस को सीख जाते हैं और सरल तरीके से दुकान खोल लेते हैं।
✅ निष्कर्ष
गोवा में राजस्थानी और अन्य राज्यों के लोग ज़्यादा बिज़नेस करते हैं क्योंकि:
- उनका माइंडसेट बिज़नेस-ओरिएंटेड होता है
- उन्हें मौके की पहचान और रिस्क लेने की आदत होती है
- वे नेटवर्क बना लेते हैं
- टूरिज्म के ज़रिए तेज़ इनकम की संभावना उन्हें आकर्षित करती है
- वहीं स्थानीय लोग जॉब, विदेश या सरकारी सेवा की ओर झुकाव रखते हैं
🤔 क्या ये बदलाव चिंता की बात है?
✅ नहीं — बल्कि यह एक अवसर है कि गोवा के लोकल युवाओं को भी अब इन बिज़नेस अवसरों को पहचानकर आगे बढ़ना चाहिए।
चाहें आप लोकल हों या बाहरी, मेहनत, धैर्य और सेवा भावना से गोवा में शानदार बिज़नेस खड़ा किया जा सकता है।