पणजी, गोवा – सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए गोवा सरकार ने विधवा महिलाओं के लिए एक नई मासिक सहायता योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत अब राज्य की विधवा महिलाओं को ₹4,000 प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह लाभ उन महिलाओं को मिलेगा जिनके बच्चे 21 वर्ष से कम उम्र के हैं।

यह निर्णय गोवा सरकार की उस सोच को दर्शाता है, जिसमें समाज के सबसे कमजोर और उपेक्षित वर्ग को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देने का संकल्प नज़र आता है। राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने इस योजना को महिला सशक्तिकरण की दिशा में “ऐतिहासिक और दूरगामी” बताया है।

महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण

पति की असमय मृत्यु के बाद महिलाओं को जीवन की कठिन परिस्थितियों का अकेले सामना करना पड़ता है। न केवल आर्थिक संकट बल्कि सामाजिक चुनौतियां भी उनके लिए जीवन को संघर्षपूर्ण बना देती हैं। विशेष रूप से तब, जब उनके छोटे-छोटे बच्चे हों और आय का कोई निश्चित स्रोत न हो। ऐसी स्थिति में गोवा सरकार की यह योजना उनके लिए राहत की एक किरण बनकर सामने आई है।

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह योजना उन सभी विधवा महिलाओं पर लागू होगी, जिनके एक या अधिक बच्चे 21 वर्ष से कम उम्र के हैं। यह सहायता सीधे लाभार्थी महिलाओं के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और सुविधा दोनों सुनिश्चित की जा सकेगी।

सामाजिक कल्याण की दिशा में मजबूत कदम

गोवा सरकार के समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक सहायता देना नहीं है, बल्कि विधवा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके बच्चों को बेहतर भविष्य देने की दिशा में सार्थक कदम उठाना है। उन्होंने कहा, “यह योजना हमारे राज्य में सामाजिक सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बनाएगी। महिलाएं आत्मविश्वास के साथ अपने बच्चों की परवरिश कर सकेंगी, उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण जैसी मूलभूत सुविधाएं मिल सकेंगी।”

योजना के लाभार्थियों के लिए प्रक्रिया

सरकार ने स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ उठाने के लिए विधवा महिलाओं को आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा। इसमें पति की मृत्यु प्रमाण पत्र, बच्चों की जन्म तिथि से संबंधित दस्तावेज, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र और बैंक खाता विवरण जैसे दस्तावेज शामिल होंगे। आवेदन की प्रक्रिया को सरल और ऑनलाइन बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है, ताकि अधिकतम महिलाओं तक यह योजना बिना किसी बाधा के पहुंच सके।

महिला संगठनों और समाजसेवियों की सराहना

इस पहल की घोषणा के बाद राज्य भर के महिला संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिक समाज ने गोवा सरकार की सराहना की है। उनका कहना है कि यह योजना उन विधवा महिलाओं के लिए संजीवनी बन सकती है, जो अब तक सामाजिक व आर्थिक उपेक्षा की शिकार थीं।

एक स्थानीय महिला संगठन की प्रमुख रंजना नाईक ने कहा, “यह योजना केवल ₹4,000 की राशि नहीं है, बल्कि यह उन हजारों महिलाओं के जीवन में आत्मसम्मान, आत्मबल और सुरक्षा की भावना लेकर आएगी। यह उन्हें यह विश्वास दिलाएगी कि वे अकेली नहीं हैं – सरकार उनके साथ है।”

देश के लिए एक मिसाल

इस योजना को लेकर यह उम्मीद भी जताई जा रही है कि अन्य राज्य सरकारें भी गोवा के इस मॉडल को अपनाकर अपने-अपने राज्यों में ऐसी योजनाएं लागू करेंगी। इससे देश भर में विधवा महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने में मदद मिल सकती है।

निष्कर्ष

गोवा सरकार की यह पहल न केवल एक कल्याणकारी योजना है, बल्कि एक संवेदनशील और दूरदर्शी सोच का उदाहरण है। यह निर्णय सामाजिक न्याय की उस भावना को मजबूत करता है, जिसमें हर व्यक्ति को गरिमा और समान अवसरों के साथ जीवन जीने का हक होना चाहिए। यह योजना एक नई शुरुआत है – उन महिलाओं के लिए जो जीवन के कठिन मोड़ों पर अकेली रह जाती हैं, लेकिन अब उन्हें सरकार का मजबूत साथ मिलेगा।